मुंबई ने 27 साल बाद जीता 15वां ईरानी कप, सरफराज और कोटियन की शानदार पारियां रहीं अहम

लखनऊ के मैदान पर खेले गए ईरानी कप 2024 के मुकाबले में मुंबई ने अपनी पहली पारी में 121 रनों की बढ़त के आधार पर शेष भारत को हराकर अपना 15वां ईरानी कप खिताब जीत लिया। 27 साल के लंबे इंतजार के बाद मुंबई ने यह प्रतिष्ठित खिताब जीता।

हालांकि मैच ड्रा पर खत्म हुआ, लेकिन मुंबई की पहली पारी की बढ़त ने उन्हें खिताबी जीत दिला दी। मैच के अंतिम दिन मुंबई की टीम ने कुछ उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों ने डटकर मुकाबला किया और मुंबई को जीत का सेहरा पहनाया।

सरफराज की दोहरी शतकीय पारी, रहाणे और कोटियन का महत्वपूर्ण योगदान

मुंबई की जीत की नींव सरफराज खान की नाबाद 222 रनों की मैराथन पारी ने रखी। इसके अलावा अजिंक्य रहाणे (97) और तनुष कोटियन (64 और नाबाद 114) की महत्वपूर्ण पारियों ने भी मुंबई को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। पहली पारी में मुंबई ने 537 रन बनाए, हालांकि इस दौरान शेष भारत के लिए मुकेश कुमार ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट चटकाए।

शेष भारत की टीम एक समय मुकाबले में अच्छी स्थिति में थी, खासकर अभिमन्यु ईश्वरन (191) और ध्रुव जुरेल (93) की शानदार पारियों के बाद। लेकिन आखिरी छह विकेट सिर्फ 23 रनों के अंदर गिरने से उनकी पारी 416 रनों पर सिमट गई, और मुंबई को पहली पारी में 121 रनों की बढ़त मिली।

शॉ और कोटियन ने दी मुंबई को स्थिरता

दूसरी पारी में पृथ्वी शॉ ने आक्रामक अंदाज में 76 रनों की पारी खेली, जिससे मुंबई को अच्छी शुरुआत मिली। लेकिन मुंबई की पारी के बाद के हिस्से में शेष भारत की टीम ने कुछ अहम विकेट चटकाकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया। खासकर सरांश जैन (6-121) की शानदार गेंदबाजी ने मुंबई को मुश्किल में डाल दिया।

सरफराज खान को भी LBW आउट करने के लिए शेष भारत को डीआरएस का सहारा लेना पड़ा। इसके बाद शार्दुल ठाकुर स्टंप हो गए, जिससे मुंबई की स्थिति 171/8 पर आकर अटक गई।

कोटियन और अवस्थी की नाबाद साझेदारी ने मुंबई की जीत पक्की की

मुंबई के लिए संकटमोचक बने तनुष कोटियन, जिन्होंने निचले क्रम में नाबाद 114 रनों की शानदार पारी खेली। कोटियन को शुरुआत में कैच छोड़े जाने का फायदा मिला, जिसके बाद उन्होंने सरांश जैन की गेंदों पर लगातार तीन चौके जड़ते हुए दबाव कम किया। दूसरी ओर, मोहित अवस्थी (नाबाद 50) ने भी बेहतरीन सहयोग दिया और दोनों ने मिलकर 158 रनों की अटूट साझेदारी की।

कोटियन ने अपनी पचास रनों की पारी ड्रिंक्स ब्रेक के बाद पूरी की। इसके बाद उन्होंने आक्रामक अंदाज में खेलते हुए मुंबई के स्कोर को 250 के पार पहुंचाया। लंच के बाद कोटियन ने तीन ताबड़तोड़ चौके लगाए और इसी दौरान उन्होंने शतक भी पूरा किया।

दूसरी ओर, मोहित अवस्थी भी किस्मत से बचते रहे। उन्हें ईशान किशन ने 32 रन पर ड्रॉप किया, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया। इसके बाद उन्होंने सुथार की गेंद पर एक छक्का और एक चौका जड़ते हुए अपना अर्धशतक भी पूरा किया।

मैच के आखिरी ओवर में दोनों टीमों ने हाथ मिलाए और मुंबई के खिलाड़ियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। यह जीत न सिर्फ मुंबई के लिए खास रही बल्कि 42 बार की रणजी चैंपियन टीम ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता साबित की।

शेष भारत की कोशिशें नाकाम

शेष भारत के लिए अभिमन्यु ईश्वरन और ध्रुव जुरेल की शानदार पारियों के बावजूद उनकी बाकी बल्लेबाजी लाइनअप पूरी तरह लड़खड़ा गई। पहली पारी में एक समय ऐसा लग रहा था कि शेष भारत की टीम मुंबई के करीब पहुंच जाएगी, लेकिन अंत में उनकी टीम ने 23 रनों के अंदर अपने आखिरी 6 विकेट गंवा दिए।

मुकेश कुमार की बेहतरीन गेंदबाजी के बावजूद शेष भारत की टीम को पहली पारी में ही बड़ी बढ़त का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी दूसरी पारी पर दबाव बढ़ गया।

संक्षिप्त स्कोर

मुंबई: 537 (सरफराज खान 222*, अजिंक्य रहाणे 97; मुकेश कुमार 5-110) और 329/8 (तनुष कोटियन 114*, पृथ्वी शॉ 76; सरांश जैन 6-121)
शेष भारत: 416 (अभिमन्यु ईश्वरन 191, ध्रुव जुरेल 93, तनुष कोटियन 3-101)
मुंबई ने पहली पारी में 121 रनों की बढ़त के आधार पर मुकाबला जीता।

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